एक समय था, जब हम शिक्षा को अपना और अपने समाज को सभ्य और िशक्षित बनाने और रोजगार पाने के लिए अहम साधन मानते थे. किसी आदमी द्वारा स्नातक और स्नातकोत्तर की पढ़ाई पूरी करने के बाद समाज में उसका मान-सम्मान बढ़ जाता था और रोजगार के अवसर भी उपलब्ध हो जाते थे. आज जमाना बदल गया है और िशक्षा व्यापार का साधन बन गयी है.
आधुनिक शिक्षा को आज जितना अधिक व्यापक बनाया जा रहा है, इसकी व्यावसाियकता भी बढ़ती जा रही है. सरकार की आेर से दी जानेवाली शिक्षा का महत्व दिनोंदिन घटता जा रहा है और निजी िशक्षा जोरों पर है. आज लाेग िशक्षा को व्यापार का सबसे सुरक्षित जरिया मानते हैं. इज्जत और प्रतिष्ठा मिलती है, वो अलग से.
-नौशाद आलम, झरिया