कन्या भ्रूण हत्या पर कब लगेगी रोक
संसार का हर जीव अपना जीवन जीना चाहता है. लेकिन हम अपनी बेटियों के बारे में ऐसा क्यों नहीं सोचते? आज बेिटयों की जिंदगी मां की कोख में समाप्त कर दी जा रही है. जिस देश में नारी की पूजा की जाती है, उस देश में बेिटयों को कोख में ही मार देना कहां का […]
संसार का हर जीव अपना जीवन जीना चाहता है. लेकिन हम अपनी बेटियों के बारे में ऐसा क्यों नहीं सोचते? आज बेिटयों की जिंदगी मां की कोख में समाप्त कर दी जा रही है. जिस देश में नारी की पूजा की जाती है, उस देश में बेिटयों को कोख में ही मार देना कहां का न्याय है?
गौर किया जाये, भारत जैसे देश में ऐसा करना महापाप से कम नहीं है, लेकिन इस देश में कन्या भ्रूण हत्या जाेरों पर है. यह समझ में नहीं आता कि आखिर देश की बेटियों ने ऐसा क्या कर िदया है कि लोग बेटियों के नाम से ही नफरत करने लगे हैं?
क्या यह सरकारी स्तर पर होनेवाली चूक का नतीजा है या फिर सामाजिक कुरीतियां लोगों को ऐसा करने पर मजबूर कर रही हैं? क्या लोग इस बात को समझना ही नहीं चाहते कि बिना बेटी के बेटों का जन्म संभव ही नहीं है? यदि देश में बेटियों की संख्या कम होगी, तो एक समय ऐसा आयेगा, जब देश में लड़कों को कुंआरा ही अपना जीवन बिताना पड़ेगा.
-उत्सव त्रिवेदी, जमशेदपुर