किसानों की भी चिंता करे सरकार

प्रकृति की मार और सरकार की उपेक्षा किसानों के लिए दुखदायी साबित हो रहा है. िपछले साल मॉनसून की कमजोरी से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था. इस साल भी मॉनसून ने धोखा दे िदया है. इससे उनका नुकसान पहले की अपेक्षा बढ़ गया है. देश के अिधकांश भागों में मॉनसून की कमजोरी से सूखे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 13, 2015 12:46 AM
प्रकृति की मार और सरकार की उपेक्षा किसानों के लिए दुखदायी साबित हो रहा है. िपछले साल मॉनसून की कमजोरी से किसानों को नुकसान उठाना पड़ा था. इस साल भी मॉनसून ने धोखा दे िदया है. इससे उनका नुकसान पहले की अपेक्षा बढ़ गया है. देश के अिधकांश भागों में मॉनसून की कमजोरी से सूखे की स्थिति पैदा हो गयी है. िफर भी सरकार की ओर से ध्यान नहीं िदया जा रहा है. जिन किसानों की फसलें सूख चुकी हैं, उनके नुकसान की भरपाई का उपाय कोई नहीं सोच रहा है.
फसल उपजने पर िकसानों को सालभर की आमदनी होने के साथ ही परिवार को दाे जून की रोटी भी मिलती थी, लेकिन इस साल मॉनसून की कमजोरी से उसकी उम्मीद भी क्षीण ही नजर आ रही है. सरकार को इस दिशा में कदम उठाने होंगे.
– संघर्ष यादव, ई-मेल से

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