याद रहेंगे तेजा, शाकाल, लायन

हिंदी फिल्मों के करोड़ों दर्शक आज ही के दिन 15 साल पहले (22 अक्तूबर, 1998 को) एक मशहूर चरित्र अभिनेता को हमेशा के लिए खो बैठे थे. उनका नाम है हमीद अली खान उर्फ अजीत. अजीत साहब ने अपने अलग अभिनय के बलबूते खुद का मुकाम बना लिया था. उन्होंने हिंदी फिल्मों में कदम तो […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2013 5:53 AM

हिंदी फिल्मों के करोड़ों दर्शक आज ही के दिन 15 साल पहले (22 अक्तूबर, 1998 को) एक मशहूर चरित्र अभिनेता को हमेशा के लिए खो बैठे थे. उनका नाम है हमीद अली खान उर्फ अजीत. अजीत साहब ने अपने अलग अभिनय के बलबूते खुद का मुकाम बना लिया था.

उन्होंने हिंदी फिल्मों में कदम तो बतौर नायक रखा, लेकिन उन्हें लोकप्रियता मिली खलनायक के रूप में. सोफिस्टिकेटेड शिक्षित व्यक्तित्व, विदेशी लिबास, चेकर्ड सूट और उसे सोहनेवाला ओवरकोट, आंखों पर बड़ा चश्मा, पैरों में सफेद चमड़े के जूते, बदन पर महंगे जवाहरात और होठों में पाइप या सिगार.

मोना डार्लिग कहते हुए नायकों की नाक में दम करने वाला यह मतलबी खलनायक दर्शकों को बहुत पसंद आया. तेजा, शाकाल या लायन को कौन भूल सकता है? उनके प्रति यह विनम्र श्रद्धांजलि.

अनिल रामचंद्र तोरणो, तलेगांव, पुणो

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