सोच-समझ कर चुनें अपना नेता

2014 के आम चुनाव में किसकी सरकार बनेगी, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन अभी हालिया स्थिति जो दिखायी दे रही है उसके अनुसार अनुमानत: देश के युवाओं की एक बड़ी आबादी का झुकाव भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर लगता है. यानी वे भाजपा सरकार की आहट को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 22, 2013 5:56 AM

2014 के आम चुनाव में किसकी सरकार बनेगी, यह कहना तो मुश्किल है, लेकिन अभी हालिया स्थिति जो दिखायी दे रही है उसके अनुसार अनुमानत: देश के युवाओं की एक बड़ी आबादी का झुकाव भाजपा के वरिष्ठ नेता और गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर लगता है.

यानी वे भाजपा सरकार की आहट को सकारात्मक रूप में स्वीकार करते हैं. इसका एक बहुत बड़ा कारण है मीडिया, और वर्तमान केंद्र सरकार के प्रति जनता में उभरा असंतोष.

2004 के चुनाव में कांग्रेस की गंठबंधन सरकार बनी और इस सरकार ने लगातार पांच वर्षो तक देश को बेहतर ढंग से चलाने का काम किया. इसका परिणाम 2009 के चुनाव में देखने को यह मिला कि इस चुनाव में कांग्रेस को उम्मीद से अधिक सीटें प्राप्त हुईं. 2009 की इस सफलता से कांग्रेस ने शायद समझा कि अब हमारे अलावा देश की जनता के पास कोई और विकल्प नहीं है.

लेकिन जिन आशाओं से, अत्यधिक उत्साह के साथ आम जनता उसे दोबारा चुन कर लायी थी, उस पर सरकार वह खरा नहीं उतरी. देश को संभालने में सरकार कमजोर साबित हुई. हर जगह भ्रष्टाचार चरम पर है, जिस वजह से महंगाई की मार आम जनता झेल रही है.

विपक्ष चुनावी लाभ के लिए इन मुद्दों को लेकर जम कर प्रचार कर रहा है, जिसके मुख्य प्रचारक भाजपा के भावी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं. मीडिया भी उन्हें प्रमुखता से कवरेज दे रहा है. इससे प्रभावित, देश के युवा वर्ग के एक बड़े हिस्से का झुकाव मोदी की ओर होता हुआ दिखायी देता है.

वैसे आज के वोटर पहले से अधिक जागरूक हैं, लेकिन फिर भी अपना वोट बहुत सोचसमझ कर डालने की जरूरत पड़ेगी, जिससे आगे देश संभल सके और आम आदमी का जीवन बेहतर हो सके.

मोहम्मद सलीम, बरकाकाना

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