शिक्षा के महत्व को समझें शिक्षक

स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने बेरोजगार िशक्षित युवकों को सर्वशिक्षा अभियान के जरिये शिक्षक बना कर स्कूलों में नियुक्त किया. ऐसा इसलिए किया गया कि बेरोजगार युवकों को रोजगार भत्ता देने से कहीं बेहतर अस्थायी तौर पर स्कूलों में नियुक्त कर रोजगार के अवसर उपलब्ध करा िदये […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 15, 2015 6:25 AM
स्थानीय लोगों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सरकार ने बेरोजगार िशक्षित युवकों को सर्वशिक्षा अभियान के जरिये शिक्षक बना कर स्कूलों में नियुक्त किया.
ऐसा इसलिए किया गया कि बेरोजगार युवकों को रोजगार भत्ता देने से कहीं बेहतर अस्थायी तौर पर स्कूलों में नियुक्त कर रोजगार के अवसर उपलब्ध करा िदये जायें लेकिन स्कूलों में अस्थायी तौर पर नियुक्त शिक्षक सर्वशिक्षा अभियान की महत्ता को समझ ही नहीं पा रहे हैं.
ऐसे िशक्षकों की लापरवाही का ही नतीजा है कि सरकारी स्कूलों में अध्ययनरत बच्चे गणित के प्राथमिक सूत्रों को जानने से भी वंिचत रह जाते हैं. गणित की तो बात छोड़िए, उन्हें ढंग से हिंदी की पुस्तकों के पाठ भी पढ़ने नहीं आते. सबसे बड़ी बात यह है कि स्कूलों में नियुक्त ऐसे शिक्षक पढ़ाई पर ध्यान देने के बजाय निजी कामों पर अधिक ध्यान देते हैं. स्कूलों में उनका समय कम ही गुजरता है. उन्हें शिक्षा के मोल को समझना होगा.
– सद्दाम अर्श, गिरिडीह

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