भ्रष्टाचार का खात्मा आखिर कब होगा?
आज देश में हर ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है. यह स्थिति बीते कुछ दशकों में और मजबूत होती जा रही है और हमारे देश को भीतर ही भीतर खोखला करती जा रही है. सरकारी क्षेत्र तो इसके लिए पहले से ही बदनाम रहा है, अब निजी क्षेत्र की कंपनियों में भी भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा […]
आज देश में हर ओर भ्रष्टाचार का बोलबाला है. यह स्थिति बीते कुछ दशकों में और मजबूत होती जा रही है और हमारे देश को भीतर ही भीतर खोखला करती जा रही है. सरकारी क्षेत्र तो इसके लिए पहले से ही बदनाम रहा है, अब निजी क्षेत्र की कंपनियों में भी भ्रष्टाचार अपनी जड़ें जमा रहा है.
बात चाहे नियुक्ति की हो या ऑर्डर लेने-देने सौदा हो, िबना चढ़ावे के निजी क्षेत्र में भी कोई काम जल्दी नहीं बनता. इसका सीधा असर काम की गुणवत्ता पर पड़ता है और कंपनी की साख खराब होती है.
यह बात दीगर है कि सरकारी क्षेत्र के भ्रष्टाचार की तुलना में निजी क्षेत्र का भ्रष्टाचार जल्दी खुलकर सामने नहीं आता.लेकिन दोनों ही वर्गों में भ्रष्टाचार कुल मिलाकर देश को ही नुकसान करता है.
यह समझ में नहीं आता कि आखिर तंत्र में सुधार कब होगा. क्या कोई काम बिना पैसे के नहीं हो सकता? सरकार से अनुरोध है कि वह कोई ऐसी मशीनरी बनायें, जिससे भ्रष्टाचार का खात्मा हो.
– चंद्रदेव सिन्हा, धुर्वा, रांची