जहीर की विदाई
भारतीय क्रिकेट टीम में तेज गेंदबाजों की आवाजाही लगातार होती रही है, लेकिन यदि टीम के सर्वकालिक बेहतरीन तेज गेंदबाजों की कोई सूची बने, तो उसमें कपिलदेव और जवागल श्रीनाथ के साथ जहीर खान का भी नाम होगा. मौजूदा पीढ़ी के बेहतरीन तेज गेंदबाज जहीर खान 610 अंतरराष्ट्रीय विकेट के साथ कपिलदेव के बाद दूसरे […]
भारतीय क्रिकेट टीम में तेज गेंदबाजों की आवाजाही लगातार होती रही है, लेकिन यदि टीम के सर्वकालिक बेहतरीन तेज गेंदबाजों की कोई सूची बने, तो उसमें कपिलदेव और जवागल श्रीनाथ के साथ जहीर खान का भी नाम होगा. मौजूदा पीढ़ी के बेहतरीन तेज गेंदबाज जहीर खान 610 अंतरराष्ट्रीय विकेट के साथ कपिलदेव के बाद दूसरे सबसे सफल तेज गेंदबाज हैं.
कैरियर के 92 टेस्ट मैचों में 311 विकेटों के साथ टेस्ट में सर्वाधिक विकेट बटोरनेवाले जहीर खान भारत के चौथे गेंदबाज हैं. 200 एकदिनी मैचों में उन्होंने 282 विकेट झटके हैं. चार साल पहले विश्वकप में भारत को खिताब दिलाने में उनकी बड़ी भूमिका थी. उस टूर्नामेंट में उन्होंने सबसे ज्यादा 21 विकेट झटके थे. 17 टी-ट्वेंटी मैचों में भी उन्होंने 17 विकेट लिये हैं. पिछले तीन-चार वर्षों से चोटिल होने के कारण वे भारतीय क्रिकेट टीम में अनियमित रूप से ही खेल पाते थे, इस दौरान टीम में मौके मिलने पर उनका प्रदर्शन उम्मीद के मुताबिक नहीं रहा, फिर भी उन पर संन्यास लेने का कोई दबाव नहीं था.
ऐसे में निजी आकलन के आधार पर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने का उनका फैसला उन खिलाड़ियों के लिए एक नजीर हो सकता है, जो उचित समय पर किनारे होने का फैसला नहीं कर पाते हैं और इसका खामियाजा टीम को उठाना पड़ता है. जहीर खान ने कई कप्तानों के नेतृत्व में क्रिकेट खेला है. कप्तानों और अन्य खिलाड़ियों द्वारा उनकी सलाह को हमेशा महत्व दिया गया, पर जहीर ने कभी टीम पर खुद को थोपने की बेजा कोशिश नहीं की. अपनी प्रयोगधर्मिता से बल्लेबाज को चौंकाने की उनकी क्षमता बेमिसाल थी.
वर्षों तक साथ खेल चुके सचिन तेंडुलकर ने कहा है कि जहीर अकसर बल्लेबाज को छकाने में सफल रहते थे तथा उन्हें चुनौतियों का सामना करना पसंद था. नवोदित खिलाड़ियों के लिए जहीर खान एक बेहतरीन उदाहरण हो सकते हैं. तेज गेंदबाज होने के बावजूद मैदान पर और मैदान के बाहर भी उनका व्यवहार हमेशा संयत बना रहा.
आपाधापी, ग्लैमर और विवादों का खेल बनते जा रहे क्रिकेट में जहीर खान जैसे सधे और शांत खिलाड़ी की मैदान में कमी जरूर खलेगी. पिछले हफ्ते अपने जीवन के 37 साल पूरे करनेवाले जहीर खान को एक शानदार क्रिकेट कैरियर के लिए बधाई के साथ-साथ हमारी शुभकामनाएं हैं कि वे जीवन की नयी पारी में भी उल्लेखनीय प्रदर्शन के साथ एक बेहतरीन नजीर पेश करें.