असहाय मुख्यमंत्री व उनका मंत्रिमंडल
झारखंड के विकास की गति अति निम्न होने का कारण मुङो यहां के नेतृत्व का असहाय होना लग रहा है. यहां के प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मंत्रिमंडल के नेता अपने निर्णयों को मनवाने में असफल दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री स्वयं हमेशा से यह स्वीकार करते आ रहे हैं कि अधिकारी वर्ग में कार्यसंस्कृति का अभाव […]
झारखंड के विकास की गति अति निम्न होने का कारण मुङो यहां के नेतृत्व का असहाय होना लग रहा है. यहां के प्रशासनिक अधिकारियों के समक्ष मंत्रिमंडल के नेता अपने निर्णयों को मनवाने में असफल दिख रहे हैं. मुख्यमंत्री स्वयं हमेशा से यह स्वीकार करते आ रहे हैं कि अधिकारी वर्ग में कार्यसंस्कृति का अभाव है. वे मंत्री के हर निर्णय को कानूनी रूप से अवैध बता कर उन्हें लटकाने में ज्यादा दिलचस्पी लेते हैं.
अभी शिक्षा मंत्री जी का यह बयान कि राज्य के नौकरशाह न खुद काम करते हैं न किसी को करने देते हैं, राज्य में नौकरशाही की वास्तविक स्थिति बताती है. राज्य के मंत्रियों को अपनी इच्छाशक्ति एवं नियम-कानून का ज्ञान बढ़ाने की आवश्यकता है, जिससे वे किसी भी बिंदु पर नौकरशाह से मात न खायें और अपने निर्णयों को तार्किक रूप से सही सिद्घ कर राज्य के विकास के लिए कार्य करें.
अनिल कुमार, ई-मेल से