बाकियों से अलग नहीं है यह सरकार

आखिर झारखंड सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को बोर्ड, निगम के अध्यक्ष पद पर बिठाने का सिलसिला हेमंत सोरेन ने शुरू कर दिया. राज्य सरकार भले ही दरिद्र बनी रहे, लेकिन सरकार बचाये रखने के लिए इससे जुड़े लोगों के साथ-साथ अब अधिकारी और ठेकेदार मालामाल होनेवाले हैं. सत्ता पाने की लालसा भ्रष्ट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 26, 2013 2:55 AM

आखिर झारखंड सरकार को समर्थन दे रहे निर्दलीय विधायकों को बोर्ड, निगम के अध्यक्ष पद पर बिठाने का सिलसिला हेमंत सोरेन ने शुरू कर दिया. राज्य सरकार भले ही दरिद्र बनी रहे, लेकिन सरकार बचाये रखने के लिए इससे जुड़े लोगों के साथ-साथ अब अधिकारी और ठेकेदार मालामाल होनेवाले हैं. सत्ता पाने की लालसा भ्रष्ट राजनीतिक दलों के रक्त में कैंसर का रूप धारण कर चुकी है. मरहम-पट्टी से अब इसे ठीक नहीं किया जा सकता.

गरीबी, बेरोजगारी, महिला उत्पीड़न, अशिक्षा की वजह से यहां के लोग लाचार और बेबस हैं. पूर्व की सरकारों की गलत नीतियों से झारखंड लालची, स्वार्थी, बेईमानों और घोटालेबाजों का चरागाह बना हुआ है. झारखंड को बदनाम करनेवाले नेताओं का इस सरकार को खुला समर्थन देना यह साबित करता है कि यह सरकार कितनी पाक है.

लखन लाल प्रजापति, चाईबासा, पश्चिमी सिंहभूम

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