12.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

पारा शिक्षकों से यह बेरुखी कब तक?

सर्व शिक्षा अभियान के तहत अल्प मानदेय पर गांव-गांव शिक्षा का अलख जगाते पारा शिक्षकों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया जारी है. यह उनका दुर्भाग्य ही है कि उन्हें लगातार सरकारी आश्वासनों पर जीना पड़ रहा है. एक ओर माननीय शिक्षा मंत्री मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव देती हैं, तो दूसरी ओर वित्त मंत्री बजट […]

सर्व शिक्षा अभियान के तहत अल्प मानदेय पर गांव-गांव शिक्षा का अलख जगाते पारा शिक्षकों के प्रति सरकार का उदासीन रवैया जारी है. यह उनका दुर्भाग्य ही है कि उन्हें लगातार सरकारी आश्वासनों पर जीना पड़ रहा है.

एक ओर माननीय शिक्षा मंत्री मानदेय वृद्धि का प्रस्ताव देती हैं, तो दूसरी ओर वित्त मंत्री बजट का बहाना कर इससे पल्ला झाड़ लेते हैं. खस्ताहाल राजकोष के बावजूद जहां राज्य के सरकारी कर्मचारियों को 10 प्रतिशत डीए का लाभ मिलता है, वहीं पारा-शिक्षकों को कुछ भी नहीं.

अगर सेवा के दौरान किसी पारा शिक्षक की मृत्यु हो जाती है, तो उसके आश्रित परिवार को एक कफन तक नसीब नहीं होगा. आज के महंगाई के दौर में पांच-छह हजार रुपये के वेतन में गुजारा मुश्किल है. तो क्या एक ही काम के लिए सरकारी और पारा शिक्षक के वेतन में इतना अंतर जायज है?
देबाशीष कुंभकार, ईचाडीह, सरायकेला-खरसावां

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें