एक-दूसरे का बनें सहारा, तो अच्छा

आज किसी को शायद यह बताना नहीं पड़ेगा कि इंसान सबसे स्वार्थी प्राणी है, क्योंकि पूरी पृथ्वी पर वही ऐसा जीव है, जो लाचारों को तकलीफ में देख कर भी नजरें फेर लेता है. अगर कोई लड़की रास्ते में खड़ी है, तो उसे लिफ्ट देने के लिए लोग खुद पंहुच जाते हैं, पर वहीं अगर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 28, 2015 12:38 AM
आज किसी को शायद यह बताना नहीं पड़ेगा कि इंसान सबसे स्वार्थी प्राणी है, क्योंकि पूरी पृथ्वी पर वही ऐसा जीव है, जो लाचारों को तकलीफ में देख कर भी नजरें फेर लेता है. अगर कोई लड़की रास्ते में खड़ी है, तो उसे लिफ्ट देने के लिए लोग खुद पंहुच जाते हैं, पर वहीं अगर कोई गरीब गिरा पड़ा है या कोई मदद के लिए गुहार लगा रहा है, तो लोग उसे नजरंदाज कर देते हैं.
गरीब दो रोटी के लिए हाथ फैलाता है, तो लोग उसे दुत्कारते हैं. कोई उससे झगड़ा करता है, तो कोई मजा लेने के लिए तमाशा देखता है. दुनिया में तमाशाइयों की कमी नहीं है.
लोग यह नहीं सोचते कि कल उन पर भी विपत्ति का पहाड़ टूट सकता है. यदि उनके साथ कोई दुर्घटना होती है, तो क्या वे भी तमाशाई बन कर नजारा देखते रहेंगे. यह ठीक नहीं है. आज जरूरत एक-दूसरे का सहारा बनने की है. तभी हमारे समाज में सुधार होगा.
-मुक्ता शर्मा, रांची

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