व्यक्तिगत आलोचना से बचें मोदीजी
नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री यदि चुनाव में व्यक्तिगत आलोचना से बच कर सिर्फ अपने प्रोग्रामों और किये गये कार्यों पर रोशनी डालते तो पूरे देश में शायद कुछ अलग और सबके लिए नयी बात होती और एक नया संदेश भी जाता़ इससे उनकी छवि कुछ अन्य पार्टियों और नेताओं से अलग, नयी और ऊंची […]
नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री यदि चुनाव में व्यक्तिगत आलोचना से बच कर सिर्फ अपने प्रोग्रामों और किये गये कार्यों पर रोशनी डालते तो पूरे देश में शायद कुछ अलग और सबके लिए नयी बात होती और एक नया संदेश भी जाता़ इससे उनकी छवि कुछ अन्य पार्टियों और नेताओं से अलग, नयी और ऊंची जरूर होती़
इससे उन्हें निश्चय ही कुछ लाभ मिल सकता था मगर दुर्भाग्य से ऐसा हुआ नहीं. देश की जनता पहले ही यह सब मीडिया के जरिये से जानती है, जिसे बार बार इस तरह कहने की जरूरत ही नहीं है. किसी सरकार पर सामूहिक रूप से आलोचना सही और तर्कसंगत होती है
व्यक्तिगत कभी नहीं. हर पार्टी और नेता की अपनी एक अलग सोच और समझ जरूर होती है जिसे तर्क के आधार पर आंकना भी बहुत जरूरी होता है. सकारात्मक सोच और समझ सदा लाभकारी ही होती है लेकिन दुर्भाग्य से यह नेताओं और पार्टियों में देखने को बहुत ही कम दिखायी देती है.
-वेद मामूरपुर, दिल्ली