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सजगता से सफल होगा अभियान
हर इंसान की अलग सोच और पहचान होती है. सभी अपने तरीके से खुद की सोच के अनुरूप जीवन जीते हैं, लेकिन सभी मनुष्यों में स्वच्छता को लेकर समानता है. हर मनुष्य स्वच्छ रहना और सुंदर दिखना पसंद करता है. हमारे देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था. उनके बाद […]
हर इंसान की अलग सोच और पहचान होती है. सभी अपने तरीके से खुद की सोच के अनुरूप जीवन जीते हैं, लेकिन सभी मनुष्यों में स्वच्छता को लेकर समानता है. हर मनुष्य स्वच्छ रहना और सुंदर दिखना पसंद करता है. हमारे देश में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने स्वच्छ भारत का सपना देखा था.
उनके बाद भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महात्मा गांधी के सपने को साकार करने का अभियान चलाया. उनका यह अभियान पूरे देश में जोर-शोर से फैला है. हालांकि, प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रयास से लोगों में अब तक अपने आसपास के क्षेत्रों की साफ-सफाई करनेवाली सोच ही पैदा हुई है, लेकिन इसे गौर से देखा जाये, तो इसके अनेक फायदे हैं.
स्वच्छता अभियान लोगों को बीमारियों से दूर रखने एवं पर्यावरण को प्रदूषण से बचाने का उपाय तो है ही, साथ ही इससे अर्थोपार्जन भी किया जा सकता है. रोजाना जिन उपयोगी वस्तुओं का हम उपयोग करते हैं, उन्हें रिसाइकिल भी किया जा सकता है. उदाहरण के तौर पर यदि कोई व्यक्ति अखबार मंगाता है, तो वह उस अखबार को कबाड़ियों के यहां बेचने के बजाय रिसाइकिल भी कर सकता है. अखबारी कागज से लोग अपने घरों में ही लिफाफा (ठोंगा) बना सकते हैं.
इसे वे दुकानों पर बेच कर अर्थोपार्जन कर सकते हैं. लोगों के इस प्रयास से बाजार में पॉलिथीन का प्रयोग कम होगा, जिससे पर्यावरण और मृदा प्रदूषण को बहुत हद तक रोका जा सकता है. सही मायने में देखा जाये, तो लोग छोटे-छोटे महत्वपूर्ण कामों को अपने जीवन में आदतन करना शुरू कर दें, तो कई समस्याओं का समाधान निकाला जा सकता है. समस्याओं के लिए सरकारी तंत्र को दोषी ठहराने के बजाय हम सजगता से अपनी जिम्मेदारी निभायें.
-विजय कुमार अग्रवाल, रांची
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