पूर्व से ही कई आरोपों से घिरे कथावाचक आसाराम, जिन्हें दुनिया बापू के नाम से संबोधित करती है, आज बेनकाब हो चुके हैं. वे संत बन कर जीवन र्पयत न केवल लोगों को ठगते रहे, बल्कि अपने बाहुबल और धूर्त दिमाग से अनगिनत बालिग-नाबालिग लड़कियों का यौन शोषण भी करते रहे. टीवी चैनलों पर इनके साथ ही इनके बेटे नारायण साईं की भी कारस्तानियों की भी परत-दर परत पोल खुल रही है.
इस तरह दोनों ही बाप-बेटे ठग निकले. सिर्फ आसाराम ही नहीं, समय आने पर हम उनके जैसे और भी कई संतों के बेनकाब चेहरे देखेंगे. कहा भी गया है कि पाप का घड़ा तब तक नहीं फूटता, जब तक वह पापों से लबालभ भर नहीं जाता. आज पूरी दुनिया काम, क्रोध, लोभ, मोह, अहंकार रूपी पांच विषयों से घिरी है. अब हमें इनसे बचने और पार पाने का रास्ता तलाशना होगा.
घनश्याम चंद्र भारतीय, मंझलाडीह, सारवां