मुद्दे से गायब हुए पलायन व बेरोजगारी
बिहार में अंतिम चरण का मतदान समाप्त हो गया. यहां पर पांच दर्जन के करीब राजनीतिक दल सक्रिय हैं. इनमें कुछेक दल ही ऐसे हैं, जिनकी सक्रियता अधिक है. इस चुनाव में राजनेताओं ने अलंकारिक भाषणों के साथ आरोप मढ़नेवाले बयान खूब दिये. बयानों में विकास की बात भी कही गयी, लेकिन किसी दल के […]
बिहार में अंतिम चरण का मतदान समाप्त हो गया. यहां पर पांच दर्जन के करीब राजनीतिक दल सक्रिय हैं. इनमें कुछेक दल ही ऐसे हैं, जिनकी सक्रियता अधिक है. इस चुनाव में राजनेताओं ने अलंकारिक भाषणों के साथ आरोप मढ़नेवाले बयान खूब दिये.
बयानों में विकास की बात भी कही गयी, लेकिन किसी दल के नेता ने पलायन और बेरोजगारी पर बयान नहीं दिया. यदि हम सरकार व विभिन्न शोध एजेंसियों के आंकड़ों पर गौर करें, तो देश के औद्योगिक विकास में बिहार का केवल 1.5 फीसदी योगदान है, जो चिंता का विषय है.
वहीं, सोचनेवाली बात यह भी है कि आखिर यह नौबत आयी ही क्यों? इसका कारण रोजगार के अवसर का अभाव है. यदि समुचित रोजगार के अवसर उपलब्ध कराये जाते, तो रोजगार की तलाश में लोगों का पलायन नहीं बढ़ता, तो राज्य की श्रमशक्ति औद्योगिक उत्पादन में ही नहीं, विभिन्न क्षेत्र में लग कर यहां के विकास में अपना योगदान देती.
-अमृत कुमार, खलारी