महिला सशक्तीकरण, संरक्षण है जरूरी
आये दिन देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरें देख-सुन कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. कहीं किसी की बेटी दहेज की आग में जल जाती है, तो किसी की तेजाब से. किसी की बेटी बलात्कार का शिकार होती है, तो किसी की तिरस्कार की. हमें आश्चर्य होता है कि एक ऐसा देश […]
आये दिन देश में महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों की खबरें देख-सुन कर रोंगटे खड़े हो जाते हैं. कहीं किसी की बेटी दहेज की आग में जल जाती है, तो किसी की तेजाब से. किसी की बेटी बलात्कार का शिकार होती है, तो किसी की तिरस्कार की.
हमें आश्चर्य होता है कि एक ऐसा देश जो सबसे पुरानी सभ्यता का प्रतिनिधित्व करता है, आज किस ओर अग्रसर है. ऐसा देश जहां नारी की पूजा की जाती है, आज उसी देवी मां की कोख में ही मार दी जाती है.
फिर आज पूजी जानेवाली लड़कियों को ही क्यों लोग मारने लगे? क्या हमारी मानवता इस हद तक पहुंच चुकी है कि हम अपनी नींव को ही काट रहे हैं? हम क्यों भूल जाते हैं कि सुबह बच्चों को तैयार करनेवाली पत्नी एक औरत है. सबका ख्याल रखनेवाली मां भी एक औरत है और बच्चों को प्यार से लोरी सुनानेवाली दादी भी एक औरत ही है. इनका संरक्षण जरूरी है.
-कन्हाई, रांची