इसे पढ़ने मात्र से होगा सब दुख दूर
।। राहुल मिश्र।। (प्रभात खबर, कोलकाता)अब तक आपने हजारों बाबाओं के बारे में सुना होगा. कइयों से मिले होंगे. उन्होंने दुख दूर करने के उपाय बताये होंगे. उनके उपाय आजमाये भी होंगे, और आजमाने से चमत्कार हुआ कि नहीं, यह आप ही जानते हैं. लेकिन हम ऐसा बाबा लाये हैं, जिनका टोटका काफी असरदार है. […]
।। राहुल मिश्र।।
(प्रभात खबर, कोलकाता)
अब तक आपने हजारों बाबाओं के बारे में सुना होगा. कइयों से मिले होंगे. उन्होंने दुख दूर करने के उपाय बताये होंगे. उनके उपाय आजमाये भी होंगे, और आजमाने से चमत्कार हुआ कि नहीं, यह आप ही जानते हैं. लेकिन हम ऐसा बाबा लाये हैं, जिनका टोटका काफी असरदार है. इस लेख में भी उनका एक टोटका आजमाया गया है. इसे पूरा पढ़ने मात्र से ही चमत्कार होगा और आपका सारा दु:ख दूर हो जायेगा.
विश्वास कीजिए, इनको पता है कि कृपा कहां अटकी हुई है. इन्हें स्वप्न आता है कि कहां खजाना गड़ा है. ये रासलीला भी करते हैं. इन पर देवी-देवता भी कभी-कभी सवार हो जाते हैं और भूत-प्रेत से तो इनका पुराना वास्ता है. चमत्कार तो होना ही है. और हां, इसे पूरा पढ़ने के बाद इसकी परची छपवा कर 1100 लोगों में जरूर बांटें. नहीं तो कोप के भागी बनेंगे. पता है मेरी बातों पर विश्वास नहीं हो रहा होगा. जी हां, सही लग रहा है आपको. लेकिन देश में लाखों लोग ऐसे हैं, जो इस तरह की बातों को सच मान बैठते हैं. और इस कदर उनकी बातों में आ जाते हैं कि कुछ भी कर गुजरने को तैयार हो जाते हैं.
तब आस्था अंधविश्वास का शक्ल ले लेती है. कहीं भय दिखा कर, तो कहीं चमत्कार की उम्मीद जगा कर ये लोगों के विश्वास को वश में कर लेते हैं. एक बाबाजी के सेक्स स्कैंडल प्रकरण के बाद कइयों ने महसूस किया कि किस तरह कुछ बाबा अपने प्रवचन, प्रचार, पत्रिकाओं में दैवीय दिखनेवाली तसवीर व गुरु-शिष्य कर्तव्य वाली कहानियों, तंत्र-मंत्र-चमत्कार की बातों से लोगों की आस्था व इज्जत के साथ खिलवाड़ करते हैं और अरबों की संपत्ति भी बना लेते हैं. आश्चर्य की बात यह है कि अभी भी लाखों लोग ऐसे हैं, जिनका विश्वास इतना कुछ होने के बावजूद ऐसे ढोंगी बाबाओं में बना हुआ है और उन्हें सब कुछ उनके भगवान के साथ साजिश प्रतीत हो रहा है.
इनका माया जाल तब तक फैला रहेगा, जब तक आदमी चमत्कार की उम्मीद करेगा. चमत्कार मतलब अचानक सबकुछ बेहतर हो जाना, जिसकी कल्पना सभी करते हैं. इसी इच्छा, उम्मीद, आस या चाहत को लेकर लोग अपने-अपने ईश्वर के दरबार में जाते हैं. ईश्वर से आस पूरी होने की आस को आस्था कहते हैं. आस्था आस्तिक लोगों के लिए बड़ी ताकत है, जिससे विकट परिस्थिति में भी मन को बल मिलता है. लेकिन जब हम अधीर होकर चमत्कार की कल्पना करने लगते हैं तो आस्था अंधविश्वास में बदल जाती है, जो विकट परिस्थिति को और भी विकट बना देती है. समझ पर परदा लग जाता है. इसीलिए किसी चमत्कार के लिए दूसरों पर अंधविश्वास करने से बेहतर खुद पर विश्वास रखिए, क्योंकि केवल आपके प्रयास से ही आपकी परिस्थितियां बदलेंगी. याद रखिए, उम्मीद और जरूरतें बढ़ाने से बढ़ती हैं और उनके पूरा नहीं होने से तकलीफ पहुंचती है.