भाजपा में लानी होगी शुचिता

पराजित और पीड़ित के प्रति सहानुभूति स्वाभाविक है. दिल्ली के बाद अब बिहार में भाजपा की भयंकर हार उसकी कमियों को दर्शाता है. सबसे पहले पार्टी में ही स्वच्छता लानी होगी. स्वयं पर नियंत्रण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं को पार्टी में उचित नियंत्रण और अनुशासन लाना होगा. कहीं बहुत ज्यादा बोलना और […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2015 5:47 AM
पराजित और पीड़ित के प्रति सहानुभूति स्वाभाविक है. दिल्ली के बाद अब बिहार में भाजपा की भयंकर हार उसकी कमियों को दर्शाता है. सबसे पहले पार्टी में ही स्वच्छता लानी होगी.
स्वयं पर नियंत्रण करते हुए प्रधानमंत्री मोदी और अन्य नेताओं को पार्टी में उचित नियंत्रण और अनुशासन लाना होगा. कहीं बहुत ज्यादा बोलना और कहीं बिलकुल चुप ही रहना घातक रहा है, इसे समझना होगा. जुमलों की राजनीति छोड़ वास्तविक धरातल पर कदम रखने होंगे.
भूल सुधार करते हुए जनता दरबारों के माध्यम से जनता से जुड़ना होगा. दो दिन का काम सौ दिन में न करें. इसे जल्द निबटाना होगा. पार्टी और नेताओं के कार्य और व्यवहार पर ध्यान देना होगा. चुनाव महज प्रबंधन से नहीं, जनता के बीच जाकर लड़ना होगा​. ​पार्टी की छवि को बदलते हुए उसकी सोच और सिद्धांत में भी जनवादी परिवर्तन लाना होगा. आज समय और समाज के बदलाव को देखकर उसके अनुसार ही चलना होगा.
-वेद प्रकाश, दिल्ली

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