विशेष चौकसी बरतें पुलिस व प्रशासन

महापर्व छठ आरंभ हो चुका है. इस दौरान लोगों की आस्था चरम पर होती है. बस और ट्रेनों में भीड़ देख कर लोगों के उत्साह का अंदाजा लगाया जा सकता है. यही स्थिति खरीदारी के लिए बाजार में देखी जा सकती है. दो दिन छठ घाटों पर जिस कदर छठव्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 7, 2013 3:20 AM

महापर्व छठ आरंभ हो चुका है. इस दौरान लोगों की आस्था चरम पर होती है. बस और ट्रेनों में भीड़ देख कर लोगों के उत्साह का अंदाजा लगाया जा सकता है. यही स्थिति खरीदारी के लिए बाजार में देखी जा सकती है. दो दिन छठ घाटों पर जिस कदर छठव्रतियों और श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ती है, वह दृश्य देखने लायक होता है. वैसे छठ पर्व का मामला हो, तो सब लोग संयमित और अनुशासित होते हैं.

फिर भी किसी प्रकार की थोड़ी-सी भी असावधानी बड़े हादसे का सबब बन सकती है. उदाहरण के तौर पर, पिछले वर्ष पटना में हुए गंगा घाट के हादसे का उदाहरण लिया जा सकता है. ऐसे अवसरों पर अफवाह और भगदड़ से बचना बड़ी चुनौती होती है. इसलिए सभी स्थानीय प्रशासनिक को इस बाबत सावधानी बरतने की जरूरत है. एहतियात बरतने के साथ-साथ आवश्यक तैयारियां भी करनी जरूरी हैं. छठ घाटों पर योग्य अफसरों की तैनाती, डय़ूटी पर लगाये जानेवाले पुलिस के जवानों को आवश्यक प्रशिक्षण देना भी सुनिश्चित करना होगा.

किसी बड़े हादसे की आशंका के मद्देनजर सभी तरह की तैयारियों की बारीकी से पूर्व पड़ताल कर लेना बेहतर होगा. इस तरह के सार्वजनिक आयोजनों में बड़ी भीड़ इकट्ठी होती है. जाहिर बात है, भीड़ का कोई चेहरा नहीं होता. जिस प्रकार से पटना के गांधी मैदान में भाजपा की रैली में सीरियल बम धमाके हुए और उसके बाद रांची से कई जिंदा बम बरामद हुए. इससे ऐसे आयोजनों को लेकर अति सतर्कता की जरूरत है.

उम्मीद की जानी चाहिए कि प्रशासन उपरोक्त संदर्भो के मद्देनजर अलर्ट रहेगा. वैसे तो आम तौर पर हर जगह स्थानीय प्रशासन बड़े छठ घाटों पर होने वाले आयोजनों पर पूरी नजर रखता है. छठव्रतियों की सुविधा का पूरा ख्याल रखा जाता है. इस काम में कई स्वयंसेवी संस्थाएं और स्थानीय लोग भी भरपूर सहयोग करते हैं. अब जरा इस बात को बड़े परिप्रेक्ष्य में देखने की आवश्यकता है. प्रशासनिक कार्य कौशल की बेहतरी इसमें है कि सुरक्षा समेत व्यवस्थागत मामलों में भी वह स्थानीय लोगों और स्वयंसेवी संस्थाओं की मदद ले. इसी प्रकार छठ पूजा समितियों से बेहतर तालमेल बना कर इस बड़े आयोजन को सफलतापूर्वक संपन्न कराया जा सकता है.

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