महंगाई के खौफ की अभिव्यक्ति

ओड़िशा के बाद बिहार और झारखंड में अफवाह ने जिस तरह रातो-रात नमक जैसी जरूरी और सर्वसुलभ चीज में आग लगा दी, वह समाज में गहरा रहे असुरक्षा बोध और महंगाई के डर की ओर इशारा करता है. मधुबनी जिले से यह अफवाह फैली और 24 घंटे के भीतर बिहार के कई शहरों व कस्बों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2013 3:12 AM

ओड़िशा के बाद बिहार और झारखंड में अफवाह ने जिस तरह रातो-रात नमक जैसी जरूरी और सर्वसुलभ चीज में आग लगा दी, वह समाज में गहरा रहे असुरक्षा बोध और महंगाई के डर की ओर इशारा करता है. मधुबनी जिले से यह अफवाह फैली और 24 घंटे के भीतर बिहार के कई शहरों व कस्बों में नमक 60-100 रुपये किलोग्राम तक बिकने लगा.

यहां तक कि पटना के बड़े स्टोरों से देखते-देखते नमक गायब हो गया. पढ़े-लिखे और जागरूक कहे जानेवाले लोग भी नमक जमा कर लेने की होड़ में जुट गये. उन्होंने यह जानने की भी कोशिश नहीं की कि भारत का समुद्र तटीय इलाका काफी विस्तृत है और नमक की कमी नहीं हो सकती है. भले ही राज्य सरकार ने त्वरित कार्रवाई कर समय रहते कालाबाजारियों व जमाखोरों पर कार्रवाई कर अफवाह से उत्पन्न स्थिति पर काबू पा लिया, लेकिन एक दिन में ही जमाखोरों ने आम जनता की गाढ़ी कमाई के लाखों रुपये उनकी जेब से निकाल लिये.

दरअसल पिछले कुछ दिनों से महंगाई ने जिस तरह आम लोगों को परेशान किया है, उसमें ऐसी अफरा-तफरी की नौबत कोई अचरज की बात नहीं है. आलू-प्याज की कीमतों ने लोगों को परेशान कर रखा है. उनकी कीमतों पर कोई नियंत्रण नहीं है. सरकार सिर्फ भरोसा देती रही है और राजनीतिक दल आरोप-प्रत्यारोप मढ़ कर अपना पल्ला झाड़ते रहे हैं. बंगाल सरकार द्वारा दूसरे राज्यों को आलू के निर्यात पर पाबंदी लगा देने के बाद बिहार व झारखंड में आलू की कीमतें आसमान छू रही हैं. ऐसे में नमक जैसी जरूरी चीज को लेकर कोई जोखिम मोल नहीं लेना चाहता है.

भरोसे के संकट के बीच कृत्रिम संकट खड़ा कर और झूठी अफवाहें फैला कर बाजार को फायदा पहुंचाया जाता है. नमक से जुड़ी अफवाह से सरकार और समाज दोनों को सबक लेने की जरूरत है. बाजार को छुट्टा सांढ़ की तरह छोड़ देने पर भविष्य में भी ऐसे वाकये हो सकते हैं. जरूरत इस बात की है कि आम लोगों की जरूरत की चीजों की जमाखोरी रोकने और उनकी कीमतों पर नियंत्रण के लिए सार्थक पहल हो. महंगाई रुकेगी, तो लोगों का भरोसा बढ़ेगा. समाज के जागरूक लोगों को भी ऐसी अफवाहों के प्रति न केवल खुद को सचेत रखना होगा, बल्कि दूसरों को भी सावधान करना होगा.

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