यहां सबके सच अपने-अपने

दिनांक 31 अक्तूबर के अखबार में सरदार पटेल के बारे में आदित्य मुखर्जी और शम्सुल इसलाम का विचार-आलेख पढ़ा. सच जानने के लिए इतिहास के पन्ने खोलने होंगे. तब भारत की जनता सच को भी जान पायेगी, अन्यथा नहीं. क्योंकि आज भारत की जनता और विद्यार्थी को इतिहास पढ़ाया नहीं जाता, न ही इस बारे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 16, 2013 3:25 AM

दिनांक 31 अक्तूबर के अखबार में सरदार पटेल के बारे में आदित्य मुखर्जी और शम्सुल इसलाम का विचार-आलेख पढ़ा. सच जानने के लिए इतिहास के पन्ने खोलने होंगे. तब भारत की जनता सच को भी जान पायेगी, अन्यथा नहीं.

क्योंकि आज भारत की जनता और विद्यार्थी को इतिहास पढ़ाया नहीं जाता, न ही इस बारे में जानकारी दी जाती है. आज इतिहास गांधी-नेहरू परिवार के ही गुण गाता है. सरदार पटेल ने भारत की लगभग 555 छोटी-बड़ी रियासतों को जोड़ कर अखंड भारत की नींव रखी और आज की सरकार भारत के छोटे-छोटे राज्य बना कर खंड-खंड कर रही है. क्या यह सच नहीं है?

सरदार पटेल और नेहरू के बारे में जानना हो, तो सरदार की पुत्री मणिबेन पटेल की किताब और दिनकर जोशी की नवलकथा ‘महामानव’ को पढ़ें. यहां तो सबके सच अपने-अपने हैं.
नरेंद्र शाह, धनबाद

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