मेहमान पक्षियों का हो संरक्षण
सर्दियों के मौसम की शुरुआत होते ही मेहमान विदेशी पक्षियों का आना प्रारंभ हो जाता है. मेहमान विदेशी पक्षियां मौसम परिवर्तन के साथ ही हमारे राज्य झारखंड के नदियों, तालाबों, घने जंगलों और पहाड़ों की तराइयों को अपना प्रवास स्थल बनाते हैं. लेकिन, उनके शिकार का सिलसिला अब भी कई वर्षों से बेरोक-टोक जारी है. […]
सर्दियों के मौसम की शुरुआत होते ही मेहमान विदेशी पक्षियों का आना प्रारंभ हो जाता है. मेहमान विदेशी पक्षियां मौसम परिवर्तन के साथ ही हमारे राज्य झारखंड के नदियों, तालाबों, घने जंगलों और पहाड़ों की तराइयों को अपना प्रवास स्थल बनाते हैं. लेकिन, उनके शिकार का सिलसिला अब भी कई वर्षों से बेरोक-टोक जारी है. कुछ वर्षों पहले ये बड़ी संख्या में देखे जाते थे.
परंतु, अब इनकी संख्याओं में काफी कमी आयी है. एक ओर जहां सैकड़ों किलोमीटर व कई दिनों की यात्रा कर परदेश से मेहमान पक्षियों का हमारे राज्य आना गौरव की बात है, वहीं सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है. अगर इनके संरक्षण पर गंभीरता से विचार नहीं किया गया, तो वह दिन दूर नहीं, जब इनका आना बंद हो जायेगा.
-चिन्टू सिंह राजपूत, सारठ