टाइम पत्रिका ने मलाला युसुफजई को दुनिया की सबसे प्रभावशाली किशोरियों की सूची में शामिल किया है. मलाला नोबेल पुरस्कार के लिए नामित की जानेवाली अब तक की सबसे कम उम्र की उम्मीदवार हैं. पाकिस्तान में जन्मी मलाला यूसुफजई ने मात्र 11 वर्ष की उम्र में एक ब्लॉग के जरिये अपने शहर की स्थिति बयान की थी.
पिछले वर्ष तालिबानियों ने स्कूल से लौटते समय मलाला के सिर में गोली मारी, लेकिन वह बच गयी. मलाला डरी नहीं बल्कि उसके बाद वह पूरी दुनिया में लड़कियों की शिक्षा के लिए आवाज बुलंद करने की एक पहचान बनी. 16 वर्षीय इस बच्ची की हिम्मत दाद देने योग्य है. आज मलाला हर उस महिला के लिए प्रेरणास्नेत बन चुकी है जो किसी भी रूप में अत्याचार सह रही हैं और इसे ही अपनी नियति मान चुकी हैं. मलाला से यह सीखें कि अत्याचार सहना बड़ा जुल्म होता है.
गीता दुबे, जमशेदपुर