आहत दिलों में जली खुशी की ज्योति
क्रिकेट ने सचिन को इज्जत, शोहरत और पैसा दिया तो सचिन ने भी क्रि केट को सवा अरब भारतीयों की निष्ठा दी. जाति-धर्म, अमीरी-गरीबी के भेद भूल, भारतीयों ने क्रिकेट को धर्म के रूप में अपनाया. सचिन की कहानी समर्पणों की दास्तान है. यह सचिन के समर्पण की कहानी है, जिन्होंने 12-12 घंटे अभ्यास किया. […]
क्रिकेट ने सचिन को इज्जत, शोहरत और पैसा दिया तो सचिन ने भी क्रि केट को सवा अरब भारतीयों की निष्ठा दी. जाति-धर्म, अमीरी-गरीबी के भेद भूल, भारतीयों ने क्रिकेट को धर्म के रूप में अपनाया. सचिन की कहानी समर्पणों की दास्तान है. यह सचिन के समर्पण की कहानी है, जिन्होंने 12-12 घंटे अभ्यास किया. यह उनके भाई की समर्पण की कहानी है, जिन्होंने सचिन को आगे बढ़ाने के लिए अपना कैरियर दावं पर लगा दिया.
यह गुरु आचेरकर की कथा है जिन्होंने सचिन को कभी नहीं कहा कि तुम अच्छा खेले, ताकि उनमें और अच्छा खेलने कि भूख बनी रहे. यह उस माता-पिता की कहानी है, जिन्होंने यह सिखाया कि सफलता का शॉर्टकट नहीं होता. क्रि केट के भगवान को भारत र- देकर सरकार ने उनकी विदाई से आहत दिलों में खुशी की ज्योति जलायी है. मुङो बस यही कहना है – थैंक यू सचिन!
पल्लवी राज, कदमा, जमशेदपुर