पांच नवंबर को आपके अखबार में प्रकाशित कुरबान अली का आलेख ‘हिंदुस्तान को पाकिस्तान बनाने की कोशिश’ पूर्वग्रह से ग्रसित लगी. जो भी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ को समझता है, ऐसा लिख ही नहीं सकता. आडवाणी, जोशी, जसवंत सिंह और मोदी में कोई अंतर है, यदि कोई ऐसा कहता है तो वह खुद भ्रमित है या देश की जनता को भ्रमित करने की कोशिश कर रहा है.
ये सभी एक ही गुरुकुल के शिष्य हैं, किसी की गणित अच्छी है, तो किसी का भूगोल. सभी राजनीतिक दल मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए रणनीतिक कूटनीति बनाते हैं, नरेंद्र मोदी बस उसी का हिस्सा हैं. 2014 के लिए मोदी हैं, 2019 के लिए कोई और हो सकता है. यह गलत है कि संघ हिंदू राष्ट्र बनवाना चाहता है. भारत एक धर्मनिरपेक्ष देश है और धर्मनिरपेक्षता इस देश के बहुसंख्यकों के कारण है.
सुरेश कुमार, घाटशिला