बरबाद न हो शीतकालीन सत्र

संसद का मॉनसून सत्र बरबाद करने के बाद अब विपक्षी दलों की नजर शीतकालीन सत्र पर है़ शीत सत्र के शुरू होने के पहले ही इसकी झलक मिलनी शुरू हो गयी थी कि लव जेहाद, गो-मांस, असहिष्णुता और उसके नाम पर अपने सम्मान को लेखकों व साहित्यकारों द्वारा वापस किया जाना. हालांकि, बिहार में चुनाव […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 6:00 AM
संसद का मॉनसून सत्र बरबाद करने के बाद अब विपक्षी दलों की नजर शीतकालीन सत्र पर है़ शीत सत्र के शुरू होने के पहले ही इसकी झलक मिलनी शुरू हो गयी थी कि लव जेहाद, गो-मांस, असहिष्णुता और उसके नाम पर अपने सम्मान को लेखकों व साहित्यकारों द्वारा वापस किया जाना.
हालांकि, बिहार में चुनाव के संपन्न होने के बाद सम्मान वापसी लगभग बंद ही हो गया. क्याेंकि, यह सब सिर्फ केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार को रोकने के हथकंडे भर थे. हमारे पास संसद में चर्चा करने के और भी बहुत सारे मुद्दे हैं. देश की सबसे उच्च संस्था के सभी माननीय सदस्यों, मंत्रियों से अनुरोध करता हूं कि संसद का समय और संसद नहीं चलने से बरबाद होनेवाले पैसे दोनों का सही उपयोग करें.
– आनंद कुमार, सरायठेला, धनबाद

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