खत्म हो रहा नक्सली खौफ!

उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में हुए बंपर वोटिंग प्रतिशत से पता चलता है कि अब लोगों में नक्सलियों का खाैफ समाप्त होता जा रहा है. आम मतदाता बिना किसी भय के मतदान केंद्रों तक पहुंच कर बेझिझक मतदान कर रहे हैं़ यह लोकतंत्र के िलए शुभ संकेत है. बढ़ते वोट […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 10, 2015 6:01 AM
उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में पंचायत चुनाव के प्रथम चरण में हुए बंपर वोटिंग प्रतिशत से पता चलता है कि अब लोगों में नक्सलियों का खाैफ समाप्त होता जा रहा है. आम मतदाता बिना किसी भय के मतदान केंद्रों तक पहुंच कर बेझिझक मतदान कर रहे हैं़ यह लोकतंत्र के िलए शुभ संकेत है.
बढ़ते वोट प्रतिशत और युवाओं की चुनावी समर में बढ़ती भागीदारी से लगता है कि मुख्यधारा से भटके नौजवानों का रुझान लोकतांित्रक प्रक्रिया की ओर बढ़ा है़
यह झारखंड जैसे पिछड़े प्रदेश के लिए शुभ संकेत है. यदि युवाओं का साथ व सहयोग समाज व सरकार को मिला तो विकास की गति तेज होगी. नक्सलियों द्वारा पंचायत चुनाव में किसी अप्रिय घटना को अंजाम न दिये जाने से प्रतीत होता है कि संगठन अपने आंदोलन में परिवर्तन लाकर देश व समाज के हित में लचीलापन अपनाने के पक्ष में है या फिर प्रशासन की मुस्तैदी के आगे उनकी एक भी न चली. प्रशासन को भी चाहिए कि उग्रवाद के नाम पर राजनैतिक वैमनस्यता के इशारे पर किसी युवा के ऊपर झूठा मुकदमा दर्ज न कराया जाये. किसी का नाम सामने आने पर आरक्षी अधीक्षक स्तर से समीक्षा के बाद ही निष्पक्षतापूर्ण कार्रवाई पर विचार किया जाये. शायद कई युवा निर्दोष साबित हो सकते हैं.
लेकिन, ऐसा होता नहीं है. केवल खानापूर्ति के नाम पर दिखावटी कार्रवाई होती है, जो उग्रवाद को ही बढ़ावा देता है. इसलिए पुलिस को भी सतर्कता बरतने की जरूरत है, ताकि किसी निर्दोष को कानूनी प्रक्रिया का बोझ न उठाना पड़े. ऐसा होने पर समस्या घटने के बजाय और उग्र होता है. फिलहाल संतोष की बात है िक पंचायत चुनाव में नक्सली खाैफ नदारद है और लोग बेखाैफ हो मतदान के िलए निकल रहे हैं.
– बैजनाथ प्रसाद महतो, बोकारो

Next Article

Exit mobile version