मानवाधिकारों का संरक्षण जरूरी
मानव सभ्यता ने विकास के कीर्तिमान स्थापित किये हैं. आज मनुष्य चांद पर पहुंच चुका है. मंगल पर जीवन की खोज हो रही है. टेस्ट ट्यूब बेबी और मानव क्लोन बनाये जा चुके हैं. बावजूद इसके आज भी दुनिया के सैकड़ों देशों में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है. अफ्रीका जैसे गरीब राष्ट्रों की जनजाति […]
मानव सभ्यता ने विकास के कीर्तिमान स्थापित किये हैं. आज मनुष्य चांद पर पहुंच चुका है. मंगल पर जीवन की खोज हो रही है. टेस्ट ट्यूब बेबी और मानव क्लोन बनाये जा चुके हैं. बावजूद इसके आज भी दुनिया के सैकड़ों देशों में मानवाधिकार का उल्लंघन हो रहा है. अफ्रीका जैसे गरीब राष्ट्रों की जनजाति आज भी जीवन की मूलभूत जरूरतों से वंचित है.
वे आज भी पौष्टिक भोजन व आवास से वंचित हैं. भारत में पिछले 20 साल में अनुमानत: एककरोड़ कन्या भ्रूण हत्या कर दी गयी. पिछले 10 वर्षोँ में करीब तीन लाख किसान खुदकुशी कर चुके हैं. भूख, भय व असुरक्षा समाज में बढ़ी है. भारत समेत विश्व के कई देशों में महिलाओं को समुचित शिक्षा नहीं मिल पा रही. लोगों के जीवन व सुरक्षा के अधिकारों का हनन हो रहा है.
सामान्यत: न्याय से गरीब, निम्न जातियां व जनजातियां आज भी वंचित हैं. दुनिया के सभी देशों को इस समस्या का हल निकालना होगा, तभी मानवाधिकार का संरक्षण हो पायेगा.
– चंद्रशेखर कुमार, डकरा, खलारी, रांची