गंगा की सफाई हमारी भी जिम्मेवारी

गंगा भारत की सबसे बड़ी नदी ही नहीं, भारत की जीवन रेखा है. 11 प्रदेशों को सींचती है. लगभग 15 करोड़ आबादी इसके किनारे बसी है. लेकिन, गंगा बेहद प्रदूषित हो गयी है. इसे तेजी से साफ करने की जरूरत है. शहरों के कचरे से मैली हुई गंगा इन दिनों प्रदूषित तो हो गयी है, […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 12, 2015 1:23 AM

गंगा भारत की सबसे बड़ी नदी ही नहीं, भारत की जीवन रेखा है. 11 प्रदेशों को सींचती है. लगभग 15 करोड़ आबादी इसके किनारे बसी है. लेकिन, गंगा बेहद प्रदूषित हो गयी है. इसे तेजी से साफ करने की जरूरत है.

शहरों के कचरे से मैली हुई गंगा इन दिनों प्रदूषित तो हो गयी है, इसका पानी भी पीने के लायक नहीं रहा. इसका पानी पीनेवाले बीमारी की चपेट में आकर मृत्यु को गले लगा रहे हैं. केंद्र इसे साफ करवा रही है, तो दूसरी ओर लोग कचरा डाल रहे हैं. राज्यों की भी जिम्मेदारी है कि घर, घाटों पर सफाई कर्मचारी तैनात करें.

इस पवित्र नदी में गंदगी न फेकने दें. सरकार को गंगा में गंदगी डालनेवालों पर भारी जुर्माने का प्रावधान करना चाहिए, तभी लोग ऐसा करने से बचेंगे. गंगा को साफ करने में हम सबकी भागीदारी जरूरी है.

– संघर्ष यादव, 2बी, चेतला रोड, न्यूअलीपुर, कोलकाता

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