बैंकों ने लोगों को एटीएम सुविधा देकर अपनी शाखाओं में जुटनेवाली भीड़ काफी हद तक कम की है. लेकिन इन एटीम सेंटरों पर आये दिन ऐसी घटनाएं घटती रहती हैं कि खाताधारक परेशान हो जाते हैं. खाताधारकों को सबसे पहले तकनीकी समस्याओं से गुजरना पड़ता है, जिनका हल एटीएम सेंटर पर तैनात गार्ड के पास नहीं होता. हाल के दिनों में एटीएम लूटने और एटीएम के अंदर खाताधारकों को लूटने की घटनाएं भी बढ़ी हैं, जबकि एटीएम में सीसीटीवी लगा होता है.
हाल ही में, बेंगलुरु में एक महिला के साथ लूट की घटना दिनदहाड़े घटी. आखिर ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए जिम्मेदार किसे माना जाये? एटीएम सेंटरों की सुरक्षा के लिए तैनात गार्ड के पास ऐसी वारदातें रोकने के लिए नाममात्र के हथियार होते हैं. साफ है कि भीड़ से निबटने की एक समस्या के हल ने कई दूसरी समस्याएं खड़ी कर दी हैं.
राजा सिंह, रांची