कब तक खानी पड़ेगी कड़वी दवा
‘यत्तदग्रे विषमिव परिणामे अमृतोपमम’ अर्थात, दवा खाने में तो कड़वी लगती है, लेकिन उसका परिणाम मधुर होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी कड़वी दवा देने की बात कही थी. लोगों में उम्मीद जगी थी कि मोदी सरकार तो लोगों को महंगाई से निजात दिलायेगी. इसे अपने देश का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि अब तक […]
‘यत्तदग्रे विषमिव परिणामे अमृतोपमम’ अर्थात, दवा खाने में तो कड़वी लगती है, लेकिन उसका परिणाम मधुर होता है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी कड़वी दवा देने की बात कही थी.
लोगों में उम्मीद जगी थी कि मोदी सरकार तो लोगों को महंगाई से निजात दिलायेगी. इसे अपने देश का दुर्भाग्य ही कहेंगे कि अब तक लोगों को महंगाई रूपी कड़वी दवा से निजात नहीं मिल सकी है. एक के बाद एक लगातार दो कमजोर मॉनसून, फिर दक्षिण भारत में बेमौसम भारी बारिश और उससे आयी भीषण बाढ़ के रूप में सरकार को दो बहाने भी मिल गये हैं.
प्राकृतिक आपदाओं को रोक पाना भले हमारे हाथ में न हो, लेकिन सरकार चाहे, तो महंगाई पर काबू पा सकती है. जरूरत है दृढ़ इच्छाशक्ति की. यदि सरकार आज भी चाहे, तो देश से महंगाई ही नहीं, भ्रष्टाचार और कदाचार जैसे कुविचार को भी कुछ ही दिनों में मिटाया जा सकता है.
-अमृत कुमार, डकरा, खलारी