जुबान पर लगाम लगायें जनप्रतिनिधि

देश में इन दिनों चल रही राजनीति को देखते हुए ऐसा लगता है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की छवि उसके जनप्रतिनिधि ही धुमिल करने में लगे हैं. इनकी बयानबाजी से आम लोगों में एक अलग ही सोच करवट ले रही है, जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए ठीक नहीं है. जनप्रतिनिधियों […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 1:21 AM
देश में इन दिनों चल रही राजनीति को देखते हुए ऐसा लगता है कि विश्व के सबसे बड़े लोकतांत्रिक देश की छवि उसके जनप्रतिनिधि ही धुमिल करने में लगे हैं. इनकी बयानबाजी से आम लोगों में एक अलग ही सोच करवट ले रही है, जो देश के लोकतांत्रिक ढांचे के लिए ठीक नहीं है. जनप्रतिनिधियों की ऐसी बयानबाजी से ही शिक्षित मतदाताओं में राजनीति के प्रति कड़वाहट बढ़ती जा रही है. इसका प्रत्यक्ष प्रमाण हमें मतदान के दौरान ‘नोटा’ की बढ़ती संख्या से मिल रहा है.
बयानबाजी के मामले में जनप्रतिनिधियों का पिछले बिहार विधानसभा चुनाव से लेकर हाल के शीतकालीन सत्र के दौरान देखे गये व्यवहार से लगने लगा है कि यही हाल रहा तो विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र होने पर हमें गर्व नहीं, शर्म महसूस करना पड़ेगा. अत: आग्रह है कि देश के जनप्रतिनिधियों से कि वे संभल कर बोलें और लोकतंत्र की गरिमा बचाये रखने में अपना सहयोग दें.
– पारो शैवलिनी, आसनसोल

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