बाबाओं के बढ़ते दावे और ढकोसले

पिछले महीने एक बाबा ने डौंडिया खेड़ा गांव में सोना होने का दावा करके भारतीय राजनीति में हलचल-सी मचा दी थी. सरकार ने उनके इस दावे को सच मान कर पुरातत्व विभाग को उनके बताये स्थान पर खुदाई के आदेश दिये. यह खबर लहर बन कर पूरे देश में इस तरह से फैल गयी, जैसे […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 2, 2013 4:13 AM

पिछले महीने एक बाबा ने डौंडिया खेड़ा गांव में सोना होने का दावा करके भारतीय राजनीति में हलचल-सी मचा दी थी. सरकार ने उनके इस दावे को सच मान कर पुरातत्व विभाग को उनके बताये स्थान पर खुदाई के आदेश दिये.

यह खबर लहर बन कर पूरे देश में इस तरह से फैल गयी, जैसे कोई बड़ा चमत्कार होने जा रहा हो, लेकिन खुदाई में कुछ भी हाथ नहीं आया. यह घटना बताती है कि हम इस हद तक बाबाओं के चमत्कार पर भरोसा करते हैं कि विज्ञान के फॉमरूले भी वहां झूठे साबित हो जाते हैं. सचमुच अंधविश्वास हमारी मानसिकता पर हावी हो चुका है. चाहे कितने भी चेहरे बेनकाब हो जायें, पर हम बाबाओं और उनके तथाकथित चमत्कारों पर भरोसा करेंगे ही. जनता के इसी सोच का फायदा राजनीतिक पार्टियां उठाती हैं. यहां तक कि वे अपने हित के लिए इन बाबाओं को प्रचार में भी उतारती हैं.
रामकिशन, गोमिया

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