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विपक्ष में दिख रही सत्ता लोलुपता
केजरीवाल के सत्तासीन होने के बाद से आज तक उनका नरेंद्र मोदी सरकार पर सभ्यता की सीमा से अधिक विपक्ष की ओर से किये जा रहे वाकयुद्ध उनकी मंशा को दर्शाती है. विपक्ष की नजरें वर्ष 2019 में होनेवाले चुनाव पर टिकी है. संभवत: विपक्ष द्वारा किया जा रहा इस प्रकार का विरोध जायज भी […]
केजरीवाल के सत्तासीन होने के बाद से आज तक उनका नरेंद्र मोदी सरकार पर सभ्यता की सीमा से अधिक विपक्ष की ओर से किये जा रहे वाकयुद्ध उनकी मंशा को दर्शाती है. विपक्ष की नजरें वर्ष 2019 में होनेवाले चुनाव पर टिकी है. संभवत: विपक्ष द्वारा किया जा रहा इस प्रकार का विरोध जायज भी हो सकता है, लेकिन सत्ता पाने का यह कौन-सा तरीका है?
यह तो विपक्ष की अधीरता को दर्शाता है. आजाद भारत के इतिहास में ऐसा कभी नहीं हुआ कि देश के किसी राज्य का मुख्यमंत्री भारत के प्रधानमंत्री को बेहद असंसदीय भाषा में संबोधित करे. विपक्ष को सत्ता की लोलुपता को त्याग कर सर्वजनहिताय की नीति अख्तियार करनी चाहिए, ताकि देश के लोगों का समुचित विकास हो सके.
-विभूति, ई-मेल से
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