युवा देश की बूढ़ी राजनीति

सर्वाधिक युवा आबादीवाला दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, भारत लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. आंतरिक रूप से अनगिनत समस्याओं से उलङो इस देश को विश्व उभरती महाशक्ति के रूप में देख रहा है. लेकिन युवा संसाधन के विशालतम भंडार भरे देश को चलानेवाली राजनीति ही बूढ़ी हो गयी है. ऊपर से नीचे तक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 3, 2013 3:46 AM

सर्वाधिक युवा आबादीवाला दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र, भारत लोकसभा चुनाव की दहलीज पर खड़ा है. आंतरिक रूप से अनगिनत समस्याओं से उलङो इस देश को विश्व उभरती महाशक्ति के रूप में देख रहा है.

लेकिन युवा संसाधन के विशालतम भंडार भरे देश को चलानेवाली राजनीति ही बूढ़ी हो गयी है. ऊपर से नीचे तक भरे पड़े बूढ़े राजनेताओं की फौज से तथा वर्तमान राजनीतिक शैली व संस्कृति के गिरते स्तर से भारत की युवा पीढ़ी राजनीति से दूर ही रहना चाहती है.

हर कोने में अपने हुनर का लोहा मनवाते युवाओं की शासन-संचालन तथा लोकतंत्र से संबंधित इकाइयों में भागीदारी नगण्य ही दिखती है. वैसे तो नैतिकता की बुनियाद पर ही उज्ज्वल व सफल भविष्य संवरता है, पर यह दुर्भाग्य की बात है कि राजनीतिक नेतृत्व सही उदाहरण पेश करने में नाकाम रहा है.

नारायण कैरो, लोहरदगा

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