विकास के लिए नये नियम जरूरी
देश में बढ़ती आबादी के कारण विकास बाधित है. इस बात को कई दशकों से देश के नीति-निर्धारकों से लेकर आमजन तक कहते आ रहे हैं. लेकिन सही मायने में देश का विकास करना है, साथ ही जनसंख्या पर नियंत्रण पाना है, तो दंड और पुरस्कार की नीति को लागू करना होगा. अकेले जनसंख्या नियंत्रण […]
देश में बढ़ती आबादी के कारण विकास बाधित है. इस बात को कई दशकों से देश के नीति-निर्धारकों से लेकर आमजन तक कहते आ रहे हैं. लेकिन सही मायने में देश का विकास करना है, साथ ही जनसंख्या पर नियंत्रण पाना है, तो दंड और पुरस्कार की नीति को लागू करना होगा.
अकेले जनसंख्या नियंत्रण के लिए ही दंड और पुरस्कार के नियम लागू नहीं होने चाहिए, बल्कि जल, वायु और ध्वनि प्रदूषण, शराब, धूम्रपान, आतिशबाजी आदि पर पाबंदी लगाने के लिए भी सख्त कानून लाने की जरूरत है.
यदि पूरी पारदर्शिता से केंद्रीकरण के स्थान पर विकेंद्रीकरण और निजीकरण के स्थान पर सरकारीकरण या फिर निजी क्षेत्र में भी सरकारी नियमों के अनुसार सुविधाएं दी जाती हैं, तो निश्चित रूप से देश में अनेक समस्याओं का समाधान हो सकेगा.
– वेद प्रकाश, मामूरपुर, नरेला