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मॉडल स्कूल के छात्रों का क्या होगा

शिक्षा का मूल उद्देश्य आनेवाली पीढ़ियों का भविष्य संवारना व सुरक्षित बनाना होता है. स्कूलों में छात्रों के भविष्य की नींव शिक्षक रखते हैं. उन्हें विषम परिस्थितियों से लड़ने योग्य बनाया जाता है. लेकिन, झारखंड में अंगरेजी माध्यम में संचालित मॉडल स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्रों व शिक्षकों का ना तो कोई भविष्य नजर आ […]

शिक्षा का मूल उद्देश्य आनेवाली पीढ़ियों का भविष्य संवारना व सुरक्षित बनाना होता है. स्कूलों में छात्रों के भविष्य की नींव शिक्षक रखते हैं. उन्हें विषम परिस्थितियों से लड़ने योग्य बनाया जाता है.
लेकिन, झारखंड में अंगरेजी माध्यम में संचालित मॉडल स्कूलों में पढ़ रहे छात्र-छात्रों व शिक्षकों का ना तो कोई भविष्य नजर आ रहा है और ना ही कोई उद्देश्य. स्कूलों की स्थापना के करीब चार बीत जाने के बावजूद स्कूलों का ना तो कोई अपना भवन है और न ही कोई सुविधा. कई स्कूलों के छात्र-छात्राओं को आज भी मध्याह्न भोजन, छात्रवृत्ति व पोशाक-साइकिल नसीब नहीं है.
नौवीं व दसवीं की कक्षा के छात्रों को बेंच-डेस्क व प्रयोगशाला मयस्सर नहीं है, कंप्यूटर शिक्षा की बात तो दूर की कौड़ी है. यही हाल यहां पढ़ा रहे शिक्षकों का भी है. उन्हें कक्षा लेने के आधार पर राशि का भुगतान किया जाता है. ऐसे में छात्रों व िशक्षकों के भविष्य के बारे में क्या कहा जा सकता है. सरकार को इस ओर ध्यान देने की जरूरत है.
-सौरव कुमार, गुमला

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