सभी राजनीतिज्ञ एक-दूसरे के हितैषी!
जब अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2013 में कहा था कि देश में कोई विपक्ष नहीं है. सभी परंपरागत राजनीतिज्ञ, एक-दूसरे के हितैषी हैं. इनका लड़ाई-झगड़ा केवल मीडिया के सामने होता है. वह भी जनता को मूर्ख बनाने के लिए. उस समय उनके इस बयान की खूब आलोचना हुई थी. सभी एक स्वर में कह थे […]
जब अरविंद केजरीवाल ने वर्ष 2013 में कहा था कि देश में कोई विपक्ष नहीं है. सभी परंपरागत राजनीतिज्ञ, एक-दूसरे के हितैषी हैं. इनका लड़ाई-झगड़ा केवल मीडिया के सामने होता है. वह भी जनता को मूर्ख बनाने के लिए. उस समय उनके इस बयान की खूब आलोचना हुई थी.
सभी एक स्वर में कह थे कि ‘‘केजरीवाल को तो सारी दुनिया ही चोर नजर आती है.’’ आज वे आलोचक बताएं कि छत्तीसगढ़ के कांकेर जिले की अंतागढ़ विधानसभा सीट पर जो उपचुनाव हुआ था और एक समाचार पत्र ने जो खुलासा किया है कि माननीय रमन सिंह जी के दामाद पुनीत गुप्ता व कांग्रेस नेता अजित जोगी के पुत्र अमित जोगी के बीच वार्तालाप का जो टेप सार्वजनिक हुआ है, वह क्या है?
कैसे चुनाव के चंद रोज पहले कांग्रेस अपने उम्मीदवार मंतूराम पवार का नाम वापस ले लेती है. परिणामस्वरूप भाजपा के भोजराज नाग विजयी हो जाते हैं. इतना ही नहीं उस टेप में पैसों की लेन-देन की बात होती है. रमन सिंह के दामाद अजित जोगी को अंकल कह कर संबोधित करते हैं.
उधर, अमित जोगी भी रमन सिंह जी की पत्नी वीना सिंह की सेहत के बारे में पूछते हुए उन्हें आंटी कह कर संबोधित कर रहे हैं. ये रही दो धूर-विरोधी पार्टी के लोग कैसे पैसा व पावर के लिए गलबहियां करते फिर रहे हैं और हम जनता खुद को कांग्रेसी व भाजपाई कह कर आपस लड़े मरे जा रहे हैं. यह देश के लोकतंत्र की हकीकत है.
इसीलिए शायद आजादी के 68 साल बाद भी हम रोटी, कपड़ा और मकान के लिए संघर्ष कर रहे हैं. अगर इसी व्यवस्था की बदौलत देश के भविष्य को छोड़ दिया गया, तो आनेवाले 100 सालों के बाद भी, हमारे नेता लोग, हमें रोटी, कपड़ा और मकान के ही सपने दिखाते रहेंगे.
– जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी