हाइड्रोजन बम का परीक्षण खतरनाक

उत्तर कोरिया से उठी कंपन दूर तक पहुंची. पहले भूकंप का अंदेशा हुआ, मगर थोड़ी बाद पता चला कि धरती हाइड्रोजन बम के परीक्षण से कांपी है. फिर उत्तर कोरिया ने खुद इसकी पुष्टि की. वहां के सरकारी टेलीविजन द्वारा गणराज्य के पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण का प्रसारण किया गया. कहा गया कि इस […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 9, 2016 6:31 AM
उत्तर कोरिया से उठी कंपन दूर तक पहुंची. पहले भूकंप का अंदेशा हुआ, मगर थोड़ी बाद पता चला कि धरती हाइड्रोजन बम के परीक्षण से कांपी है. फिर उत्तर कोरिया ने खुद इसकी पुष्टि की.
वहां के सरकारी टेलीविजन द्वारा गणराज्य के पहले हाइड्रोजन बम का परीक्षण का प्रसारण किया गया. कहा गया कि इस ऐतिहासिक सफलता के साथ ही हम उन्नत परमाणु क्षमतावाले देशों की श्रेणी में पहुंच गये हैं. वहां के सर्वोच्च नेता किम जोंग उन ने इस पर गर्व व्यक्त किया.
किम ने पिछले महीने संकेत दिया था कि उनके देश ने हाइड्रोजन बम बना लिया है. तब उनके दावे को अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञों ने संदेह की नजर से देखा था, मगर अब अंतरराष्ट्रीय समुदाय हतप्रभ है. अमेरिका ने इस कदम को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों का उल्लंघन बताया, तो भारत ने कहा कि यह अत्यंत चिंता की बात है. ब्रिटेन और जापान की भी ऐसी ही प्रतिक्रिया आयी. दक्षिण कोरिया के मंत्रिमंडल ने अपनी आपात बैठक में नये हालात की समीक्षा की.
उधर, न्यू यॉर्क में एेलान हुआ कि सुरक्षा परिषद की आपात बैठक बुलायी जायेगी, मगर सुरक्षा परिषद कार्रवाई क्या करेगी? उसने 2006 में उत्तर कोरिया के पहले परमाणु परीक्षण के समय से ही उसके खिलाफ प्रतिबंध लगा रखा है. इसका इस उच्छृंखल देश पर कोई असर नहीं हुआ. जहां पूर्ण निरंकुश तानाशाह का शासन हो और तनिक भी विरोध का निर्मम दमन होता हो, वहां अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंधों से ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.
इसलिए कि ऐसी पाबंदियों से आमजन को होनेवाली मुश्किलों की फिक्र शासक को नहीं होती. ऐसे देश के हाथ में हाइड्रोजन बम आ जाये, तो उससे दुनिया का फिक्रमंद होना लाजिमी है, क्योंकि उसके इस परीक्षण से विश्व शांति को खतरा है. इससे पूरी दुनिया में एक नये दौर की शुरुआत होगी, जो बेहद खतरनाक होगी.
– खुशबू सिंह, देवघर

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