पहले बचाइये, फिर खुदवाइए तालाब

मुख्यमंत्री की घोषणा ¥‘हर गांव में एक बड़ा तालाब बनेगा’ एक अच्छी पहल है. लेकिन, मेरी गुजारिश है कि सूबे के बचे तालाब को तो पहले बचाया जाये. फिर कहीं और तालाब की खुदाई करायी जाये. उदाहरणार्थ बताना चाहूंगा कि रांची के कोकर क्षेत्र के आसपास दो तालाब बचे हैं, एक डिस्टलरी तालाब व दूसरा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 14, 2016 5:13 AM
मुख्यमंत्री की घोषणा ¥‘हर गांव में एक बड़ा तालाब बनेगा’ एक अच्छी पहल है. लेकिन, मेरी गुजारिश है कि सूबे के बचे तालाब को तो पहले बचाया जाये. फिर कहीं और तालाब की खुदाई करायी जाये. उदाहरणार्थ बताना चाहूंगा कि रांची के कोकर क्षेत्र के आसपास दो तालाब बचे हैं, एक डिस्टलरी तालाब व दूसरा तिरिल बस्ती में है.
दोनों की हालात खराब है. एक तालाब को तो भू-माफिया ही बेचते जा रहे हैं. अफसर हो या रांची के मेयर, जब भी अखबारों में खबरें छपीं, दूसरे दिन धमक पड़ते हैं और अतिक्रमणकािरयों पर कार्रवाई का आश्वासन देते हैं. उनकी तसवीरें भी छप जाती हैं. स्थानीय लोगों ने भी तालाब बचाने के लिए आंदोलन किया, कार्रवाई का आश्वासन भी मिला. लेकिन, नतीजा सिफर. कुछ दिन पहले नगर विकास मंत्री के शिलान्यास के बाद काम शुरू हुआ. लगा कि अब तालाब बच जायेगा. लेकिन, भू-माफियाओं ने तालाब को ही बेच डाला. इसलिए, मुख्यमंत्री से गुजारिश है कि आप ही कोई ठोस कार्रवाई कीजिए.
– श्वेताभ, रांची

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