स्कूलों में क्यों नहीं गुणवत्तापूर्ण शिक्षा?

सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं होने के लिए कोई और नहीं, स्वयं सरकार ही जिम्मेदार है. साल भर शिक्षक िकसी न किसी सरकारी फरमान को पूरा करने में व्यस्त रहते हैं. लेकिन, आमजन की नजरों में शिक्षक ही निकम्मे और कामचोर साबित कर दिये जाते हैं. बच्चों को सरकारी योजनाआें में उलझा कर रख […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 16, 2016 2:00 AM
सरकारी विद्यालयों में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा नहीं होने के लिए कोई और नहीं, स्वयं सरकार ही जिम्मेदार है. साल भर शिक्षक िकसी न किसी सरकारी फरमान को पूरा करने में व्यस्त रहते हैं. लेकिन, आमजन की नजरों में शिक्षक ही निकम्मे और कामचोर साबित कर दिये जाते हैं.
बच्चों को सरकारी योजनाआें में उलझा कर रख दिया जाता है. सरकार द्वारा मिड-डे-मील की आड़ में बच्चों के हाथों में थाली पकड़ा दी गयी है. बाल संसद के नाम पर झाड़ू व बर्तन थमा दिया गया है. अब छह से 14 वर्ष तक के बच्चों काे रुपये-पैसे (छात्रवृत्ति) देने के नाम पर पासबुक पकड़ा दिया गया है. आधार कार्ड बनाया जा रहा है कि छात्रवृत्ति की राशि सही समय पर आ जायेगी. सब हो रहा, लेकिन कोई पदाधिकारी गारंटी देने को तैयार नहीं है कि रािश समय पर ही आ जायेगी. छात्र भी स्कूल आने के बजाय बैंकों का चक्कर लगा रहे हैं. छात्रवृत्ति राशि का बच्चे सदुपयोग करेंगे, इसकी गारंटी कौन लेगा? शिक्षकों को सालों भर गैर शैक्षणिक कार्यों में ही व्यस्त रखा जाता है.
जैसे- बाल गणना, छात्रवृत्ति रिपोर्ट, दवा वितरण, पुस्तक मांग व वितरण सूची, पोशाक-जूते की सूची, बैंक खाता खोलने की अनवरत प्रक्रिया, आधार बनवाने की जिम्मेदारी, मतदाता जागरूकता, स्वच्छता अभियान, नामांकन अभियान, कई गैर जरूरी प्रशिक्षण, मध्याह्न भोजन वितरण की जिम्मेदारी, अर्द्धवार्षिक व वार्षिक प्रपत्र भरना, फल-अंडा वितरण, चावल-दाल की व्यवस्था आिद. इन कार्यों से समय मिलने पर पढ़ाई-लिखाई व पूर्व की तरह छह माह पर सुव्यवस्थित परीक्षा का संचालन, परीक्षा परिणाम वितरण. सरकारी शिक्षक हो या पारा शिक्षक, सभी बच्चों को पढ़ाना चाहते हैं, लेकिन व्यवस्था ने इन्हें छात्रों से दूर कर रखा है.
सरकार को चाहिए कि उपरोक्त कार्य के लिए प्रत्येक प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालयों में लिपिक व आदेशपाल की बहाली की जाये व शिक्षक को पढ़ाई-लिखाई तक सीमित रखे, तभी परिणाम अच्छे आयेंगे.
– जयकिशोर पांडेय, चौपारण

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