पठानकोट में आतंकी हमला. फिर तुर्की, इंडोनेशिया, बुर्किना फासो और अब पाकिस्तान के पेशावर के विवि में आतंकी हमला निंदनीय है. ये सभी घटनाएं हमें जगाने के लिए काफी हैं. इतना तो साफ है कि आतंकियों के जाति व मजहब नहीं होते. उसका एक ही मजहब होता है आतंक, एक ही कर्म है आतंक फैलाना.
चिंतनीय है हमारे शहर जमशेदपुर में आतंकियों के तार का मिलना. इसके लिए सभी लोगों की जिम्मेवारी बनती है कि वो पुलिस अधिकारियों की मदद करें. कोई शक होने पर तुरंत पुलिस अधिकारी को सूचित करें. हम आम जनता अगर सचेत हो जायें, तो आतंक का साया हमारे इर्द-गिर्द भी नहीं फटकेगा. देश का जिम्मेदार आम नागरिक होने के नाते हमारा फर्ज बनता है कि हम जगें. अगर हम नहीं चेते तो दहशत में जीना हमारी मजबूरी बन जायेगी.
– पालूराम हेंब्रम, गुमला