कैसी आजादी चाहते हैं करण जौहर

पहले शाहरुख फिर आमिर और अब करण जौहर ने असहिष्णुता के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है. यद्यपि, बिहार विधानसभा चुनाव व लोकसभा में दो दिनों की बहस के बाद यह मुद्दा दब-सा गया था. लेकिन, करण जौहर ने एक बार फिर राजनीितक पार्टियों को रोटी सेंकने का अवसर दे दिया है. उन्हें सोचना चाहिए […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 26, 2016 6:14 AM
पहले शाहरुख फिर आमिर और अब करण जौहर ने असहिष्णुता के मुद्दे पर बहस छेड़ दी है. यद्यपि, बिहार विधानसभा चुनाव व लोकसभा में दो दिनों की बहस के बाद यह मुद्दा दब-सा गया था.
लेकिन, करण जौहर ने एक बार फिर राजनीितक पार्टियों को रोटी सेंकने का अवसर दे दिया है. उन्हें सोचना चाहिए कि यदि देश में विचारों की अिभव्यक्ति की आजादी नहीं होती, तो वे इस तरह मुंबई से जयपुर जाकर सरेआम अपने विचार व्यक्त कर सकते थे? करण एक जाने-माने फिल्मकार हैं, वे अपनी फिल्मों के जरिये अपने विचारों को समाज के सामने रख सकते हैं.
यह बात अलग है कि उनके विचार सभी को स्वीकार हों. यदि किसी को उनके विचार तर्कसंगत न लगे और वह कोर्ट पहुंच जाये, तो इसका मतलब यह नहीं कि देश में विचारों की अभिव्यक्ति की आजादी समाप्त हो गयी है. उन्हें ज्ञात होना चाहिए कि हाल ही में पाक गायक अदनान सामी ने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के बाद भारत को सहिष्णु देश करार दिया था.
– रतन प्रसाद, 24 परगना

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