जैविक कृषि अपनाने की जरूरत
पूर्णतया जैविक खेती अपनानेवाला देश का प्रथम राज्य सिक्किम बन गया है. वर्ष 2003 में शुरू हुए ऑर्गेनिक मिशन के तहत यहां की सरकार व कृषकों के साझे प्रयास से 75 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को जैविक भूमि मेँ बदल दिया गया. अब यहां रासायनिक उर्वरकों का उपयोग प्रतिबंधित कर जैविक खेती को अनिवार्य कर […]
पूर्णतया जैविक खेती अपनानेवाला देश का प्रथम राज्य सिक्किम बन गया है. वर्ष 2003 में शुरू हुए ऑर्गेनिक मिशन के तहत यहां की सरकार व कृषकों के साझे प्रयास से 75 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि को जैविक भूमि मेँ बदल दिया गया. अब यहां रासायनिक उर्वरकों का उपयोग प्रतिबंधित कर जैविक खेती को अनिवार्य कर दिया गया है. देश में हुई ‘हरित क्रांति’ ने किसानों को प्रतियोगी बना दिया. अधिक उत्पादन की आशा में खेतों में रासायनिक उर्वरकों का इस्तेमाल भी बढ़ा है.
इसके अंधाधुंध प्रयोग से उत्पादित वस्तुएं जैसे खाद्यान्न, फल तथा सब्जियों की गुणवत्ता में कमी आयी. वहीं, इसके लगातार प्रयोग से मृदा, बंजर, जलस्रोत अम्लीय और पर्यावरण प्रदूषित हो रहे हैं. आज हमें मालूम नहीं कि हम कितना स्वास्थ्यवर्द्धक भोजन खा रहे हैं. जैविक खेती से खेती की लागत गिरती है, जिससे किसानों की आमदनी बढ़ती है. यह जैव विविधता और पर्यावरण संरक्षण में भी अहभ भूमिका निभाता है.
– सुधीर कुमार, गोड्डा