समाज के दुश्मन !

महाराष्ट्र के शनि मंदिर में महिलाओं को जाने से रोकने की घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. दुःख की बात है कि मां, बहन, बेटी, पत्नी, ​​जीवन साथी, ​प्रेमिका ​और देवी के रूप में महिला का आज यह भी हाल है. एक ओर मानव अंतरिक्ष की उच्चतम ऊंचाइयां छू चुका है, मगर दूसरी […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 29, 2016 6:31 AM
महाराष्ट्र के शनि मंदिर में महिलाओं को जाने से रोकने की घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया है. दुःख की बात है कि मां, बहन, बेटी, पत्नी, ​​जीवन साथी, ​प्रेमिका ​और देवी के रूप में महिला का आज यह भी हाल है. एक ओर मानव अंतरिक्ष की उच्चतम ऊंचाइयां छू चुका है, मगर दूसरी ओर वह नीचे गर्त में ही चला गया है. हमारे धार्मिक वेद शास्त्रों में साफ लिखा है कि जहां नारी का सम्मान होता है, वहां देवता निवास करते हैं
मगर आज उन शास्त्रों पर शायद धूल चढ़ने ​और घोर ​कट्टरपंथियों और ​रूढ़िवादियों आदि के कारण ​हम दुर्भाग्य से असली मानव धर्म से कोसों दूर है. ​इसलिए जाति-धर्म आदि की संकीर्णता से इस हाल में हैं
​ऐसी घटनाओं से जितना दुःख दर्द अपने देश में है, शायद उतना अन्य कहीं ​नहीं़ इसलिए मुंशी प्रेमचन्द जैसे साहित्यकारों की प्रासंगिकता इस युग में पहले से भी कहीं ज्यादा है. इसे आज सही सच्चे धर्मशास्त्रों के साथ पढ़ने पढ़ाने की शायद अधिक जरूरत है.
– वेद मामूरपुर, दिल्ली

Next Article

Exit mobile version