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जागरूक मतदाता, सक्षम सरकार
प्रजातंत्र संसार की सर्वोत्तम शासन पद्धति है. यह प्रजा एवं राष्ट्र हेतु सबसे संतोषजनक व्यवस्था है. प्रजातंत्र का समुचित लाभ उठाने के िलए मतदाता को दूरदर्शी, देशभक्त और उपयुक्त निर्णय कर सकने में समर्थ होना ही चाहिए, अन्यथा यह शासन पद्धति स्वार्थी के निहित स्वार्थ पूरा करने का साधन बन जाती है. मतदान का दुरुपयोग […]
प्रजातंत्र संसार की सर्वोत्तम शासन पद्धति है. यह प्रजा एवं राष्ट्र हेतु सबसे संतोषजनक व्यवस्था है. प्रजातंत्र का समुचित लाभ उठाने के िलए मतदाता को दूरदर्शी, देशभक्त और उपयुक्त निर्णय कर सकने में समर्थ होना ही चाहिए, अन्यथा यह शासन पद्धति स्वार्थी के निहित स्वार्थ पूरा करने का साधन बन जाती है.
मतदान का दुरुपयोग उसी तरह है, जैसे चंद पलों में हस्ताक्षर द्वारा संपत्ति का विक्रय. राष्ट्र की गरिमा को किसी के हाथ सौंपने की प्रक्रिया का नाम ही मतदान है. ईमानदार जनप्रतिनिधि का चुनाव ईमानदार मतदाता की नैतिक जिम्मेदारी है.
अत: प्रजा चाहे तो अच्छा शासन लाया जा सकता है. शहीदों की धरोहर इस अधिकार का उपयोग उपयुक्त पात्र को ही चयन कर हो. ईमानदार व्यक्ति वर्तमान प्रणाली के असामान्य व्यय को वहन नहीं कर सकता. होना यह चाहिए कि यह स्थिति समाप्त हो. हाल के दिनों में सरकारी और प्रशासकीय प्रयासों की बदौलत मतदाताओं में जागरूकता बढ़ी है. इसके लिए वे बधाई के पात्र हैं.
– अनंतविजय सिंह, जुगसलाई
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