सच कहना इतना कड़वा?

सत्य का पालन करना, लगभग पूरे विश्व में, नामुमकिन हो गया है. वरना विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को चार वर्षों से लंदन स्थित एक्वाडोर दूतावास में नजरबंद नहीं रहना पड़ता. संयुक्त राष्ट्र पैनल ने उनकी नजरबंदी को गैरकानूनी करार देते हुए उनकी बिना शर्त रिहाई व मानसिक प्रताड़ना के एवज में मुआवजा देने को […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 12:12 AM
सत्य का पालन करना, लगभग पूरे विश्व में, नामुमकिन हो गया है. वरना विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांजे को चार वर्षों से लंदन स्थित एक्वाडोर दूतावास में नजरबंद नहीं रहना पड़ता.
संयुक्त राष्ट्र पैनल ने उनकी नजरबंदी को गैरकानूनी करार देते हुए उनकी बिना शर्त रिहाई व मानसिक प्रताड़ना के एवज में मुआवजा देने को कहा है. मगर पूरे विश्व समुदाय ने एक होकर इस आदेश को ठुकरा दिया है. यह दर्शाता है कि सत्य कहना और भ्रष्टाचार की पोल खोलना कितना अप्रिय है. विकीलीक्स ने विश्व के कई नेताओं, उनकी नीतियों को गलत साबित किया है.
क्यूबा स्थित ग्वान्टोनामो बे, जेलनुमा शिविर, अमेरिका का है. अगर विकीलीक्स ने यह खुलासा किया कि वहां अमेरिकी अधिकारी, बंदियों के साथ अमानवीय व्यवहार करते हैं. तो इसमें गलत क्या है? देश दुनिया का दोहरा चरित्र क्यों?-जंग बहादुर सिंह, गोलपहाड़ी, जमशेदपुर

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