पारामेडिकल के बारे में सोचे सरकार

आज झारखंड के गांवों में डॉक्टर के नहीं रहने पर सरकार जो कदम उठानेवाली है, वह चिकित्सा विज्ञान के साथ खिलवाड़ है. सरकार की यह घोषणा कि बीएससी (बायो) वालों को प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाये, गलत है. ऐसे में तो सरकार को बैचलर ऑफ फार्माकोलॉजी की डिग्रीवालों को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि बीएससीवाले […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 9, 2016 12:12 AM
आज झारखंड के गांवों में डॉक्टर के नहीं रहने पर सरकार जो कदम उठानेवाली है, वह चिकित्सा विज्ञान के साथ खिलवाड़ है. सरकार की यह घोषणा कि बीएससी (बायो) वालों को प्रैक्टिस करने की अनुमति दी जाये, गलत है. ऐसे में तो सरकार को बैचलर ऑफ फार्माकोलॉजी की डिग्रीवालों को प्राथमिकता देनी चाहिए, क्योंकि बीएससीवाले से ज्यादा जानकारी फार्मावालों को होती है.
चूंकि फार्मा (बी फार्मा) में फार्माकोलॉजी, बायोकेमिस्ट्री, ह्यूमन एनाटोमी एंड फिजियोलॉजी, क्लीनिकल फार्माकोलॉजी, पैथोलॉजी आदि पढ़ना होता है. और वैसे भी जब दूसरे राज्यों में फार्मावालों को प्रैक्टिस करने का अधिकार देने के बारे में सरकार सोच रही है, तो सरकार क्यों नहीं फार्मासिस्ट को दो साल की ट्रेनिंग देकर प्रैक्टिस कराये.
-प्रवीण शर्मा, ई-मेल से

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