आखिर उत्तर कोरिया का दोष क्या है?
उत्तर कोरिया ने परमाणु/मिसाइल परीक्षण कर लिया, तो अमेरिका और उसके पिछलग्गु देशों ने हाय-तौबा मचा दी. अगर में उत्तर कोरिया में तानाशाह का शासन है, तो सउदी अरब, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात में क्या है? क्या ये तीनों देश कट्टरपंथी संगठनों को चोरी-छिपे धन मुहैया नहीं कराते? रूस ने अफगानिस्तान में अनुचित हस्तक्षेप […]
उत्तर कोरिया ने परमाणु/मिसाइल परीक्षण कर लिया, तो अमेरिका और उसके पिछलग्गु देशों ने हाय-तौबा मचा दी. अगर में उत्तर कोरिया में तानाशाह का शासन है, तो सउदी अरब, कुवैत और संयुक्त अरब अमीरात में क्या है?
क्या ये तीनों देश कट्टरपंथी संगठनों को चोरी-छिपे धन मुहैया नहीं कराते? रूस ने अफगानिस्तान में अनुचित हस्तक्षेप कर और अमेरिका ने रासायनिक हथियार रखने का आरोप लगा कर ईराक पर हमले कर समुचे क्षेत्र में तबाही का मंजर कायम कर दिया है.
चीन भी तो दक्षिण चीन सागर में अवैध द्वीपों का निर्माण कर सैनिक-अड्डे बना रहा है. रूस, अमेरिका और चीन के इन कृत्यों पर विश्व जनमत का मौन निंदनीय ही नहीं शर्मनाक है. इन तीनों के पास बाजार और हथियार है, इसलिए इनके लिए सात खून माफ हैं? तुलसीदास जी ने इसी लिए कहा था ‘समरथ को नहीं दोष गोसाईं’.
-लोकेश कुमार, हीरापुर, धनबाद